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31 Jul 2018 · 1 min read

आज वक़्त का साथ मिला है

आज वक़्त का साथ मिला है तो इतना न इतराओ।
तुम कोई सम्राट नहीं हो खुदको इतना समझाओ।

आसमान को चूमने वाले ऐसा न हो न लौटो।
एक मशविरा है मेरा तो न इतना भी उड़ जाओ।

योद्धा थे जो बड़े बड़े इतिहास बने बैठे हैं जी।
इसीलिए मै कहता हूं तुम अपनी हद में आ जाओ।

ऐसा न है उत्तर देना बड़ा कठिन है सागर को।
जो मर्यादा सागर तोड़े पीछे वापस हो जाओ।

कदम कदम पर सितम मिले हैं पग पग पर पाया धोखा।
लेकिन ऐसे जख्मों से भी”कृष्णा” तुम न घबराओ।##कवि गोपाल पाठक (कृष्णा)

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