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28 Jun 2018 · 1 min read

वो खामोश सितारें

रातो की वो खामोश सितारें
ना जाने हमशे कुछ कहती है,
शशी की वो स्वेत किरण
ना जाने क्यों हम पर परती है,
शांत रजनी साथ में पादप
प्रकृति का ये अनोखा संगम
ना जाने क्या इशारा करती है,
शायद वो कुछ कहना चाहती है,
हर रात मैं उसे देखता
लेकिन मैं ना उसे समझता
फिर भी वह बताती है,
रातों की वो खामोश सितारें
ना जाने हमशे कुछ कहती है!

_ अभिनव

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