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21 Jun 2018 · 1 min read

“सावन के आते ही”

“वन उपवन में खुशहाली, खेतों में है हरियाली,
हर गीत थिरकते हैं, हर याद उमड़ती है,
रिमझिम बूँदें जब आकर ,मौसम के रंग दिखाती,
सावन के आते ही,
कलियां मुस्काती हैं,मँडराते हैं मधुकर,
कण-कण यौवन बिखराते,
पुलकित धरती अंबर,
सावन के आते ही,
झूलों की कतारें हैं,बागों में बहारें हैं,
कोयल कुहु -कुहु,पपिहे पीहू पीहू,
मीठी अमिया की डाली पे बैठ पुकारे हैं ,
सावन के आते ही,
काली घटाएं छायी,सुनकर बादल के शोर,
रंग बिरंगे सुंदर,अपने पंखों को झकझोर,
मस्त हवा के झोंकों संग नाच रहे हैं मोर,
सावन के आते ही,
कहीं भौंरो के गूँजन,कजरी की मीठी धुन,
कल-कल बहती नदियाँ,धरती की प्यास बूझी
पूर्वा की बयारों से ,ठंडी सी फुहारों से ,
रंगो से,सुगंधों से महकें ये नज़ारे हैं,
सावन के आते ही “

Language: Hindi
Tag: गीत
300 Views

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