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23 Apr 2018 · 1 min read

गठबन्धन पार्ट टू

साइनिंग इन्डिया के बाद भी,
सरकार अटल जी से फिसल गई,
छींका टुट कर गिरा ही था,
सोनिया ने थाम लिया,
हाथ बढा कर पकड उसे,
मनमोहन को थमा दिया,
मन मोहन ठहरे अर्थ शास्त्री,
पर बुझ न पाये अर्थ राजनीति का,
गठबन्धन दस साल का,
न्यूनत्तम पर ले आये,
हाल उनका था निराला,
भानुमति का कुनबा आला,
शरद रुठ कर बाहर आये थे,
करुणानिधि पर गुजराल गये थे,
ममता ने भी पाला बदला था,
जगन से न पट पायी,
परमाणु पर साम्यवादी भरमाये,
अनमने से माया मुलायम समझाये,
सबका अपना स्वार्थ जुडा था,
शरद राहगीर बन बैठे,
करुणा ने राजा को बैठाया,
ममता भी साथ चल पडी,
फारुख का भी मन ललचाया,
काश्मीर उमर को भाया,
तेलंगाना,टी आर एस का सपना था,
यू पी ए कि सरकार बनी,
मनमोहन के नाम से,
चलने लगे अलग राह सब
खींचा तानी होने लगी,
सरकार चलती कैसे ढंग से,
कमाई पर जुट गये,
दस साल कि उठापटक से
जन जन था बेहाल हुआ,
मिला अवसर मतदान का
मत से सत्ता बदल हुआ,
अब मोदी जी आये हैं
अच्छे दिनो की दिलाशा देकर,
मोदी जी छाये हैं,

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