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13 Mar 2018 · 1 min read

सपने में आती हो

सपने में आती हो
मुझे बहुत सताती हो
जब भी पूछा तुमसे
दोस्ती करोगी मुझसे ?
थोड़ा मुस्काना, फिर पलकें झुकाना
सचमुच गजब ढाती हो
सपने में आती हो
मुझे बहुत सताती हो
सूरत पसंद करते हैं सब
मैं तेरी सीरत पे मरता हूं
कांटे तो बहाने है
मैं फूलों से डरता हूं
क्योंकि फूल वो सरताज है
जिसे तुम जूड़े में लगाती हो
सपने में आती हो
मुझे बहुत सताती हो
तेरा नाम औरों से जुड़ा
तो मैं सह नहीं पाऊंगा
एक दो तो कुछ भी नहीं
जमाने से लड़ जाऊंगा
मजाक में फिर क्यों
तुम मुझे आजमाती हो
सपने में आती हो
मुझे बहुत सताती हो
सर्द रातों में तेरी याद
यार मुझे गर्माती है
जैसे फूलों की खुश्बू
बगिया को महकाती है
छिप जाता धुंधों में जब सब
नजर सिर्फ तुम आती हो
सपने में आती हो
मुझे बहुत सताती हो

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