Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
31 Jan 2018 · 1 min read

हलचल

हलचल

मैं स्कूल से घर पहुँची ही थी ।कि सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ रही थी। जैसे ही मैं अपने कमरे में पहुँची और पूछा कि क्या बात है रोज की अपेक्षा आज घर के सभी सदस्य खुशी के मारे झूम रहे गुनगुना रहे ।ऐसा क्या मिल गया या हो गया जो बर्षो बाद घर के सभी सदस्य एक साथ घर पर है और इतने अधिक खुश है। मेने कहा मम्मी मुझे बताओ न सब क्यूँ इतने खुश लग रहे है आपस मे खिलखिलाते हुए हँस रहे है।प्लीज मम्मी मुझे भी बताओ।मम्मी ने मुझे बताया कि मेरे अरुण अंकल जो अमेरिका में रहते है।वे सभी अपने परिवार के साथ इंडिया आ रहे है। और हमारे साथ गर्मी की छुट्टियां बिताएंगे। उनका फोन अभी अभी दो घंटे पहले ही आया था। इस लिए सभी खुशी के मारे फुले नही समा रहे है हम सभी। अरे वाहः क्या बात सच मे अंकल आ रहे है।हाँ बाबा आ रहे है तेरे अंकल मम्मी ने पुनः कहा।
इतना सुनकर मेरे अंदर बहुत ज्यादा ही हलचल मच गई काफी वर्षो बाद अंकल आंटी और निकिता को देखे हुए बीत चुके थे। तभी खुशी के मारे मेरा मन मयूर के समान झूम और नाच उठा और में भी दादा दादी मम्मी पापा के गले लग बहुत खुश हुई।

गायत्री सोनू जैन मन्दसौर

Loading...