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11 Dec 2021 · 1 min read

विषाद

दोहे

विषाद

रहता ह्रदय विषाद में, धरे न कोई धीर।
हाथ उठे फरियाद में, नैना बहता नीर।।

बेला विषाद छा रही, आंसु रहे हैं सींच ।
कहर जगत में ढा रही, बैठा आंखें मींच ।।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

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