Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
25 Dec 2017 · 1 min read

यारी

यारा तेरी यारी छुटी अब तुम मेरे पास नहीं
विरह वेदना की मेरी शायद तुझको अहसास नहीं

मालुम कहाँ अब तेरे बिना क्या हश्र मेरा होना है
शायद नसीब में मेरी जुदा होकर ही रोना है

भीड़ भरी इस दुनिया में भी तेरा साथ जो छुटा है
मन मेरा तड़पकर आज अनगिनत टुकड़ों में टुटा है

दुर जाने की खबर सुन तेरी दिल मेरा घबराया है
मन की बातों को मेरी कोई कहाँ समझ पाया है

टुटा मेरा दिल भी जबसे तेरी यारी टुटी
अश्क रुक नहीं रहे मेरे जबसे मेरी किस्मत फुटी

पता नहीं था इतना दर्द भी होगा तेरी जुदाई में
कैसे मैं अब रह पाऊंगा अकेला तनहाई में

यादें तेरी अब शायद ना कभी साथ मेरा छोड़ेगी
तेरी यादों में अकसर अब मेरी अँखियाँ रोएगी

Loading...