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12 Dec 2017 · 1 min read

इतना भी क्यूँ याद आता है तू

इतना भी याद क्यूँ आता है तू
इतना भीमुझे क्यूँ रुलाता है तू

मोहब्बत तो तू भी करता है
मुझसे आखिर क्यूँ छुपाता है तू

मेरी जिन्दगी में तू ही है अपना
अपना मुझे न क्यूँ बताता है तू

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