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12 Sep 2017 · 1 min read

२१२२–२१२२–२१२२–२१२
आ सकते नहीं

दिल बहलता ही नहीं हम ये बता सकते नहीं
प्यार में हारे हैं दिल अपना जता सकते नहीं

ख्वाइशो के पर लगे थे आसमा को थी खबर
बंदिशे इतनी कि हद अपनी भुला सकते नहीं

मुश्किलो को रौंदकर हम यूं तो आगे चल दिये
ज़ख्म सीने में लगे तुमको दिखा सकते नहीं

उम्र का ये दौर है अब थक गये हैं हौसले
थामना था जिनको उनको तो सुना सकते नहीं

नस्ल ये कैसी बनी तोड़े हमारे सब भरम
परवरिश अपनी ही थी उँगली उठा सकते नहीं

जिस्म खाली हो गया आंसू भी खारिज कर दिये
हाल ये खुल कर भी अब हम मुस्कुरा सकते नहीं

हमसे अच्छे और हैं ये मानते हैं हम सनम
तुमसे भी अच्छे जहां में तुम मिटा सकते नहीं

सुर्ख से सपने सजाकर ज़िंदगी से जब मिले
भूल थी वो अब विवशता कुछ मिटा सकते नहीं

1 Like · 386 Views
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