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27 Aug 2017 · 1 min read

मै हूँ अँधेरा

मै हूँ अँधेरा,
पाप का स्वामी
फलते फूलते है
दुष्कर्म मेरे आगोस मे ..।।

मेरे रूप अनेक
पल-भर मे बदल लेता भेष
पाप,कलह,द्वेस
धोख़ा,फ़रेब,लोभ मे।।

उजाले से डरता
मन-मष्तिक मे छिप जाता
जब प्रबल होता हूँ
ना दिन-रात देखता
काम-तमाम कर देता हूँ ।।

जब मै छा जाता हूँ
गुंडे-बदमासी
खून-मडर
रेप-बलात्कार
करते है मेरे सहयोगी ।।

मेरा वर्चस्व बहुत है
मेरे साथी साथ निभाते
जुगाड़ लगा बचा लेते
मेरा डंका दुनिया मे बजाते
मै हूँ अंधेरा,
पाप का सम्राज्य।।

किंग मस्ताना

Language: Hindi
431 Views

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