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23 Aug 2017 · 1 min read

? राधे जू पधारौ.....भजन

?? ”राधे जू पधारौ….. भजन” ??
तर्ज- सावन का महीना
??????????

राधे जू पधारौ जमुन तट ओर
‘दर्श आपके पाए तौ नाचे मन का मोर।’
हो…….राधे जू ….

भोर भई है प्यारी कूहके कोयलिया।
बंशी अधूरी आके बजा दो पायलिया।…2
‘सुनकर जीव चराचर हो जाएं भाव विभोर।’
दर्श आपके पाए…..

राग हैं अधूरे श्यामा ताल है अधूरी।
प्यासे नयन अब टेरें आजा मन-मयूरी।…2
‘ताक रहे हैं ऐसे ज्यों ताके चाँद- चकोर।’
दर्श आपके पाए…..

कृपा करौ स्वामिनी जू बरसाने वारी।
आए हैं ‘तेज’ चलके चरण-रज भिखारी।…2
‘दास जानि अपनाऔ ये विनती है करजोर।’
दर्श आपके पाए …..
राधे जू पधारौ…..

??????????
?तेज मथुरा✍

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