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8 Jul 2017 · 1 min read

II जहां मांग खत्म हो जाती है...II

जहां मांग खत्म हो जाती है l
जहां स्वाद खत्म हो जाता है ll

ना कुछ अपना रह जाता है l
सब कुछ अपना हो जाता है ll

वह तुमको वही पर मिलता है l
और भीतर ही बस जाता है ll

संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

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