Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Sep 2016 · 1 min read

बेबस यादें

कभी खुशनुमा, कभी दुखभरी
भावनाएं हर तरह की
बढ़ती उम्र के साथ बातें बदलती हुई
कुछ खुशनुमा पल याद आये कभी
और कुछ यादें आँखें नम करती हुई
अपनी किस्मत से लड़ते हुए
और अपने डर से झगड़ते हुए
जीवन के हर पड़ाव पर अपने
दोस्त-ओ-दुश्मनों को याद रखती हुई
हर कदम पे जो पीछा करती हैं
कुछ सही कुछ गलत सी लगती हैं
चिंताओं से दूर रखते हुए
खुशियों की मन्नत करती हुई
दिल के किसी कोने में छिपीं हैं कहीं
कुछ बेबस यादें
–प्रतीक

Loading...