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28 May 2017 · 1 min read

तनहा हुए हैं आज वो

तनहा हुए हैं आज वो महफ़िल,
की जिन्हे आदत थी,
शौके मज़बूरी बन गया वो वक़्त,
जिससे उन्हें बगावत थी,
आज फैसला होगा वहीं उनके गुनाहों का,
जो कभी उनकी ही अदालत थी,
शोहरत पे अपनी उनको गुमान था बहुत,
न रहा वो इख़्तियार जिसकी उन्हें इजाजत थी,

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