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17 Apr 2017 · 1 min read

कौन किसे पनाह देताहै

कौन किसे पनाह देता है
पेड़ भी सूखे पत्ते गिरा देता है
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से
दिल भरते ही हर कोई ठुकरा देता है
जिंदगी का एक सच जो सबसे जुदा होता है
वक्त ही घाव देता है वक्त ही मरहम बना देता है
वाकिफ है दुनिया के दस्तूर से
सॉस रुकते ही हर कोई जनाजा निकाल देता है

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