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25 Mar 2017 · 1 min read

#### उठो जवानो ..... !

(((( उठो जवानो ! ))))

नहीं सोओ अब रण बाँकुरे
सोकर क्यों वक्त गँवाते हो ||
नहीं समय है अब सोने का
चुस्ती क्यों नहीं दिखाते हो ||

उठो जवानों करो हुँकार
अरि का कलेजा हिला दो ||
सुनकर भागे तेरी ललकार
तुम ऐसी फटकार लगा दो ||

ऐसी सुस्ती तुम ना पालो
ऐसे नींद में ना सो जाओ ||
देश खंड-खंड ना होने पाए
ऐसे ना तुम शौर्य बिसराओ ||

अंग्रेज दुश्मन तो चले गये
घर के छुपे दुश्मन घर में हैं ||
अरे युवाओ इन्हें पहचानो
इनका दण्ड तेरे कर में है ||

देश की शान वीर जवान
वीर जवानो दहाड़ लगाओ ||
सीमा हमारी सुरक्षित रहे
तुम वीरता का शंख बजाओ ||

देश को भय है जयचंदों से
ऐसे गद्दारों को चिह्न लगाअो ||
चुन-चुन कर मारो इनको
देश में अमन-चैन फैलाओ ||

गाँधी, नेहरु, प्रसाद के जैसे
अब ना सच्चे नेता मिलेंगे ||
वर्तमान में हैं जो भी नेता
वे तो केवल राष्ट्र को लूटेंगे ||

सच्चा धर्म व सच्ची सेवा
सच्ची वीरता दिखानी है ||
माँ भारती को दुश्मनों से
अब तो मुक्ति दिलानी है ||

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दिनेश एल० “जैहिंद”
23. 02. 2017

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