[[[[ भूल ]]]]
[[[[भूल]]]]
#दिनेश एल० “जैहिंद”
भूल जन्म देती हैं —
दुश्वारियाँ, परेशानियाँ !
और ग़ैरों की नज़रों में
पेश करती है —
तुम्हारी नादानियाँ, कमजोरियाँ !
तो भूल कर भी
भूल ना करना |
ग़ैरों से जो भूल हो गई
और माँफ़ी माँगता है ग़र वो
तो तुम ज़रूर
माँफ़ करना !!
ख़ुद से जो हो जाए भूल
तो उस भूल का तुम क्या करोगे
पछतावा भी करोगे
ख़म्याज़ा भी भरोगे
तब खुद को तुम कैसे माँफ़ करोगे ?
भूल तो भूल है
भूल को मान लेना भी
एक उसूल है
भूल किससे नहीं होती है
भूल तो सब करते हैं
बच्चे, जवान, स्याने, वृद्ध !!!!
कोई इस से अछूता नहीं है
कोई जानबूझ कर करता है
तो कोई अनजाने में करता है
कुछ भूल से सीख लेते हैं
और जीवन अपना
आबाद करते हैं
पर कुछ
भूल पर भूल करते हैं
और जीवन अपना
बर्बाद करते हैं |
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