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25 Jan 2017 · 1 min read

यादें

मेरी याद का कोई कतरा
जब रखोगे तुम अपनी आँखों में
तो शायद……..
तुम्हारी आँखों भी नम होंगी ,उसी तरह
जिस तरह मेरी आँखों भीग जाती हैं
तेरी हर याद पर।
पर तुम तो बेफिक्र हो इन यादों से
मुझे यकीं नहीं है फिर भी
तुम मेरी याद का कोई कतरा
अपनी आँखों में रखते तो होगे
शायद ………..
पारुल शर्मा

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