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17 Jan 2017 · 1 min read

गजल कहो

नजरोँ से नजर मिलाकर गजल कहो

सारे शिकवे गिले भुलाकर गजल कहो

चेहरे पे हो मायूसी तो अच्छा नहीँ लगता

मेरी बात मानो मुस्कुराकर गजल कहो

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