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8 Sep 2016 · 1 min read

विद्रू्पताएँँ

1
संस्‍कार होंगे
राम राज्‍य के स्‍वप्‍न
साकार होंगे

2
बेच ज़़मीर
बनता है तब ही
कोई अमीर

3
भ्रष्‍टाचार तो
कैंसर है, देश जो
है लाचार तो

4
भ्रूण हनन
नारी उत्‍पीड़न व
माँँ का क्रंदन

5
क्‍या नाजायज
सत्‍ता, युद्ध, प्रेम में
सब जायज

6
स्‍वतंत्र हुए
बगल के नासूर
हैं पाले हुए

7
है नारी वो क्‍या
न सिर पे पल्‍लू न
आँँखों में हया

8
आतंकवाद
देश की संंप्रभुता
पर आघात

9
वृक्षारोपण
से ही परिरक्षित
पर्यावरण

10
आरक्षण भी
अल्‍पसंख्‍यकों जैसी
राजनीति ही

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