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9 Jan 2017 · 1 min read

वो "पहली राइड"

वो पहली राइड
मैं तुम और बाइक
सिनेमा को जाते
सबसे लम्बा
रास्ता पकड़कर
मेंहदी – चूड़ी वाले हाथ
कमर को घेरे
चेहरे को छूती
तुम्हारी शरारती लट
नटखट हवा की संगी बन
कांधे पर अहसास
गहरी नेलपेंट वाली
मखमली उंगलियों का..
एक गली से दूसरी
हाइवे से मालरोड
गुजरता मैं लेकर
अपनी संगिनी को..
जैसे दिखाना हो
सब जग को आज
अधूरा नहीं पूरा हूँ अब
नितांत अकेला नहीं
अब तुम साथ हो
मेरी संगिनी…
जीवन भर
हर कदम
अब दो नहीं
एक हैँ हम
आखिरी दम तक
पूरे जोश जज्बे
और विश्वास से
निभाएंगे हम
सात फेरों का ये प्रेम बंधन
ओ संगिनी मेरी..
©
अंकिता

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