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28 Dec 2016 · 1 min read

मानवता सिखला गए (दोहे)

मानवता सिखला गए, दे दी हंसकर जान !
ईसा को इस त्याग ने, बना दिया भगवान् !!

पनपा है जब जब कहीं, नफरत का बाज़ार !
ईसा ने तब तब लिया, .धरती पर अवतार !!

मानवता कायम रहे , हर दिल रहे करीब !
यही सोचकर चढ गये,.ईसा तुरत सलीब!!

मानवता जिंदा रहे,…कायम हो ईमान!
हर युग मे ईसा हुए,इसी तरह कुरबान!!
रमेश शर्मा

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