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6 Oct 2016 · 1 min read

मेरे गीत

मेरे गीत मेरे मन की सुकल्पना
सुन्दर शब्दों की चंचल व्यंजना
जीवन में रंग भरने की अल्पना
मेरी मूक लेखनी की संकल्पना
मेरे गीत——————

मेरा प्यार कल्पना की है प्रेरणा
सुकोमल भावों की है उत्पेरणा
मन की बीथियों का है संजना
मस्तिष्क का है सलोना सपना
मेरे गीत———————–

कल्पना के तुम अभिव्यंजक
मेरे दुखित मन मंदिर के रंजक
मेरे तिरस्कृत ह्रदय के मंजक
नये काव्य विधा के तुम सृजक
मेरे गीत——————-

काव्य की जब लूँ ऊँची उडान
बन अलबेले पंछी साथ मेरे रहना
उड़ जाऊँ कल्पनाओं के गगन में
हाथ और आँचल मेरा थामे रखना
मेरे गीत——————————

आऊँ ऊँभर कर तेरी कल्पना मे
अपनी तूलिका से रंगीन रंग देना
पंख फैला पंछी से आ चेतना में
साज और सरगम को बजा देना
मेरे गीत——————————–

जब जब आऊँ तेरी कल्पना में
दिल दिमाग के द्वार खुले रखना
बना कल्पना की सुन्दर वन्दरबार
लेखनी के द्वार सजाये रखना
मेरे गीत———————————-

डॉ मधु त्रिवेदी

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