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7 Aug 2016 · 1 min read

उस वक़्त मेरी आँख में

उस वक़्त मेरी आँख में नमी ना रहेगी
जिस वक़्त मेरे यार की कमी ना रहेगी

दोस्ती की धूप लेके क़रीब तो आओ
ये बर्फ उदासियों की जमी ना रहेगी

चल मयकदे में कुछ लम्हें गुजार लें
दरमियां कोई गलत फहमी ना रहेगी

बड़े लोगों से मिलने में फासला रखना
समंदर से मिलकर नदी नदी ना रहेगी

हुए हैं गुल जवां कुछ खुशबुएँ चुरालो
मनजीत रुत हमेशा ये थमी ना रहेगी

मनजीत भोला

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