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29 Feb 2024 · 1 min read

दीप शिखा सी जले जिंदगी

गीत

दीप शिखा सी जले जिंदगी,
जल जल कर जल जाने को।
आत्म रूप आकाश बांचती,
हृदय कलश चमकाने को।।

श्वास श्वास में धधक रही है,
एहसासों की आस लिए।
खुद को खुद ही ढूंढ रही है
विश्वासों की प्यास लिए।
मृदुल चांदनी जैसी चमके।
पल पल का फल पाने को।।
दीप शिखा सी जले जिंदगी।
जल जल कर जल जाने को।।

बंजारिन सी राहें इसकी
प्रण का धीरज भरती है।
पुण्य सरोवर के तट पर जो
दुख के दुख को हरती है।
सौगंधों के चेतन मन सी
गणपति के गुण गाने को
दीप शिखा सी जले जिंदगी
जल जल कर जल जाने को।।

सतत साधना रत रहती है
मोन मनन संकेत लिए।
धुआं धुआं होती है क्षण क्षण
प्राणों का आदेश लिए।
अमृत मय परिवर्तन जैसे
सौम्य समर्पण पाने को।।
दीप शिखा सी जले जिंदगी।
जल जल कर जल जाने को।।

सूर्यकांत द्विवेदी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 189 Views
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