प्यारा रूप मनोहर
मुक्तक
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प्यारा प्यारा रूप मनोहर, लगता है मन को प्रियकर।
प्रियकर हैं प्रभु राम विश्व के, दर्शन जिनके अति शुभकर।
शुभकर दर्शन से मिलती है, शांति धन्य होते जन-मन।
जन-मन की यह गहन भावना, छलके भक्ति सिंधु बनकर।
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अखिल विश्व में खूब बढ़ा है, भारत का सम्मान।
सम्मान भाव मन में लेकर, करते सब गुणगान।
गुणगान हुआ करता उसका, जिसमें हो सद्भाव।
सद्भाव की अमिट परंपरा, संस्कृति की पहचान ।
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–सुरेन्द्रपाल वैद्य