*सदियॉं बीतीं तब जाकर यह, मधुर भोर आ पाई है (हिंदी गजल)*
सदियॉं बीतीं तब जाकर यह, मधुर भोर आ पाई है (हिंदी गजल)
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1)
सदियॉं बीतीं तब जाकर यह, मधुर भोर आ पाई है
भगवा ध्वजा राम मंदिर पर, लहर-लहर लहराई है
2)
भारत की संपदा सनातन, भूली रही अभी तक जो
स्वाभिमान की गाथा बनकर, अंतर्मन में छाई है
3)
राम-नाम का गायक है यह, पूर्ण हुआ है मंदिर जो
नींव रख रहा रामराज्य की, मंदिर यह सुखदाई है
4)
जन-जन के मन की अभिलाषा, पूर्ण अयोध्या धाम हुआ
सप्तपुरी का वैभव लौटा, भारत मॉं मुस्काई है
5)
धन्य अयोध्या धाम हमारा, दर्शन करने चलो चलें
राम जानकी भरत जहॉं पर, लक्ष्मण जैसा भाई है
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451