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13 Feb 2021 · 1 min read

सफ़र खुशियों की तलाश का

सफ़र खुशियों की तलाश का

सफ़र खुशियों की तलाश का कभी ख़त्म ना हो

जीवन बगिया हरियाली उत्सव , कभी पतझड़ हो जाए

ख़त्म हो जाए अश्रुओं से सराबोर नेत्रों की तलाश

खुशियों का समंदर रोशन हो जिन्दगी रोशन कर जाए

आत्मा के उत्सव की इबारतें हों पाकीज़ा

जिन्दगी का हर पल खुदा की अमानत हो जाए

जिन्दगी की किताब का कोई पन्ना न हो खाली

जिन्दगी का हर पल खुशनुमा हो जाए

जिन्दगी का जश्न हर दिन हर पल बरकरार रहे

जिन्दगी की हर सुबह – शाम खुदा की अमानत हो जाए

रिश्तों की खुशबू नगमों की खनक सी हो रोशन

हर एक शख्स एक दूसरे का मददगार हो जाए

जिन्दगी की खुरदुरी सड़क पर न खो जाएँ रिश्ते

गर रिश्तों को रिश्तों पर एतबार हो जाए

बीत जाएगा गमे – दौर एक दिन, ये उन्हें है मालूम

फिर क्यूं कर जिन्दगी , जिन्दगी पर बोझ हो जाए

Language: Hindi
1 Like · 277 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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