Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Nov 2025 · 1 min read

कारवां ए जिन्दगी

कारवां ए जिन्दगी कुछ तो बता मुझे
जिद है ये कैसी कुछ तो बता मुझे
सफर है बस चल रहा या है कहीं मोड भी
दर से निकल गये जाने के लिए
कारवां ए जिन्दगी कुछ तो बता मुझे
चहरे पर है चहरे हर शक्श है फरेबी
दिखती नहीं है कोई राह मुझे
कारवां ए जिन्दगी कुछ तो बता मुझे
सफर है बस चल रहा या है कहीं मोड भी
रहबरों की इस भीड़ में रहजन निकल जाए
कोई करें किस पर यकी
कारवां ए जिन्दगी कुछ तो बता मुझे
सफर है बस चल रहा या है कहीं मोड भी
दर से निकल गये आइने का वो एक शक्श
जो दिखता कभी आजकल मुझे वो कही
दिखता ही नहीं कारवां ए जिन्दगी
कुछ तो बता मुझे जिद है ये कैसी
सुशील मिश्रा ‘क्षितिज राज’

Loading...