Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2023 · 2 min read

करपात्री जी का श्राप…

करपात्री जी का श्राप…
~~°~~°~~°
श्राप फलित होता है ,
संतो का श्राप फलित होता है…

भून दिया था गोलियों से पल में ,
जिसने संसद को घेरा था ?
थे वो साधु संत निहत्थे ,
संसद में फिर डर कैसा था ?
लहुलुहान वो गौरक्षक संत थे ,
मानवता का दारुण क्षण कैसा था?
रोती है तब धरा गगन भी ,
जब संतो का दिल रोता है।

श्राप फलित होता है ,
संतो का श्राप फलित होता है…

गौ गंगा गीता गायत्री ,
संस्कृति का आधार सदियों से ।
वादा करके मुकरा क्यों था ?
जो था संतो का मांग वर्षों से।
आशीर्वाद लिया करपात्री जी से ,
पाना था, सत्ता किस्मत से।
होना था जो, वही हश्र हुआ है,
जब जब मानव यती को छलता है।

श्राप फलित होता है ,
संतो का श्राप फलित होता है…

झाँको तुम अपने अतीत में ,
सदियों से ये सनातन धरती।
धड़कन में इसके बसता है ,
गौमाता है पुरातन संस्कृति।
गौमाता की अर्चना पूजा ,
गोबर लेप से शुद्ध आंगन है।
रोक सका जो न, इसकी हत्या ,
वो नृप, खुद का ही हंता है ।

श्राप फलित होता है ,
संतो का श्राप फलित होता है…

याद करो,वो दिन और तिथि को,
जब मृत्यु अकाल हुआ था ।
तिथि गोपाष्टमी का दिन था वो ,
फलित पुराना श्राप हुआ था।
मत भुलो कोई अपने कर्मों को ,
हमें यही पर चुकाना होगा ।
सत्ता दिए हैं जब रक्षा की खातिर ,
हर माँ की रक्षा करना होगा।
लाओ शीघ्र ही, गौरक्षक बिल को ,
तेरे पास भी वो मौका है ।

श्राप फलित होता है ,
संतो का श्राप फलित होता है…

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०२ /०१/२०२३
पौष,शुक्ल पक्ष,एकादशी,सोमवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail.com

Language: Hindi
3 Likes · 666 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

‘श...श.. वह सो गई है
‘श...श.. वह सो गई है
आशा शैली
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
झूठी मुस्कुराहटें
झूठी मुस्कुराहटें
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
4603.*पूर्णिका*
4603.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
..
..
*प्रणय प्रभात*
* सत्य पथ पर *
* सत्य पथ पर *
surenderpal vaidya
16. Caged Books
16. Caged Books
Ahtesham Ahmad
वर्तमान लोकतंत्र
वर्तमान लोकतंत्र
Shyam Sundar Subramanian
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
Ajit Kumar "Karn"
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
बहुत सी बातें है, जो लड़के अपने घरवालों को स्पष्ट रूप से कभी
बहुत सी बातें है, जो लड़के अपने घरवालों को स्पष्ट रूप से कभी
पूर्वार्थ
प्रेम प्रथम दृष्टि में
प्रेम प्रथम दृष्टि में
Usha Jyoti
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
सुनीलानंद महंत
हमर सभके
हमर सभके
Acharya Rama Nand Mandal
मनुष्य प्रवृत्ति
मनुष्य प्रवृत्ति
विजय कुमार अग्रवाल
" विडम्बना "
Dr. Kishan tandon kranti
है कौन वो राजकुमार!
है कौन वो राजकुमार!
Shilpi Singh
गर भाग्य मेरे तू नहीं कर एक रेखा खींच दूँ
गर भाग्य मेरे तू नहीं कर एक रेखा खींच दूँ
कविराज नमन तन्हा
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बहे पुरवइया
बहे पुरवइया
Shailendra Aseem
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
And then I realised that the way the hair falls like strands
And then I realised that the way the hair falls like strands
पूर्वार्थ देव
*You Reap What You Sow*
*You Reap What You Sow*
Veneeta Narula
कवि के हृदय के उद्गार
कवि के हृदय के उद्गार
Anamika Tiwari 'annpurna '
गरीबी
गरीबी
Dr.sima
Chalo phirse ek koshish karen
Chalo phirse ek koshish karen
Aktrun Nisha
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
इश्क तू जज़्बात तू।
इश्क तू जज़्बात तू।
Rj Anand Prajapati
Loading...