गुड़िया .....
गुड़िया …..
खो गयी
एक गुड़िया
घूंघट की ओट में
बन गयी
वो एक दुल्हन
घूंघट की ओट में
ख़्वाबों का
शृंगार हुआ
घूंघट की ओट में
थम थम के
छुअन बढ़ी
घूंघट की ओट में
सब कुछ
मिला उसे
घूंघट की ओट में
पर
मिला नहीं उसे
एक दिल
एक दिल
घूंघट की ओट में
सुशील सरना