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1 Nov 2025 · 1 min read

*जाते जन संसार से, छोटे-बड़े समान (कुंडलिया)*

जाते जन संसार से, छोटे-बड़े समान (कुंडलिया)
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जाते जन संसार से, छोटे-बड़े समान
बिना सिला कपड़ा कफन, पहने हर इंसान
पहने हर इंसान, बॉंस की मिली सवारी
सब की शैया एक, न मरघट करता यारी
कहते रवि कविराय, पुत्र ही चिता जलाते
राजा हों या रंक, आग में जल-जल जाते

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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