Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Oct 2025 · 1 min read

बहुत याद आता है

तेरा वो धीरे से चुपचाप आकर
कोमल हाथों से मेरे कंधे पर हाथ रखना
बहुत याद आता है

कौन है तन्हाई में जगाने वाला
यह सोचकर पिछे मुड़कर देखना मेरा
बहुत याद आता है

मेरे हालात पे अफसोस जताना
और ये कहना क्या हाल बना रखा है
बहुत याद आता है

मेरा चुपचाप तुमको निहारना
निहारते ही रहना कुछ भी न बोल पाना
बहुत याद आता है

आज भी जहन में है वही पल
वो मासूमियत से आकर पूछना मुझसे
बहुत याद आता है

“V9द” वो दिवाली की रात थी
मेरी बेहोशी में सपने मे आना तुम्हारा
बहुत याद आता है

Loading...