बहुत याद आता है
तेरा वो धीरे से चुपचाप आकर
कोमल हाथों से मेरे कंधे पर हाथ रखना
बहुत याद आता है
कौन है तन्हाई में जगाने वाला
यह सोचकर पिछे मुड़कर देखना मेरा
बहुत याद आता है
मेरे हालात पे अफसोस जताना
और ये कहना क्या हाल बना रखा है
बहुत याद आता है
मेरा चुपचाप तुमको निहारना
निहारते ही रहना कुछ भी न बोल पाना
बहुत याद आता है
आज भी जहन में है वही पल
वो मासूमियत से आकर पूछना मुझसे
बहुत याद आता है
“V9द” वो दिवाली की रात थी
मेरी बेहोशी में सपने मे आना तुम्हारा
बहुत याद आता है