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6 Sep 2025 · 1 min read

देइदऽ दर्शन तू करऽ उपकार...... !!

#भोजपुरी_गीत
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तोहरे रूपवा के होई कब दिदार, बिमार मोर मनवा भइल।
देइद दर्शन तू-२ करऽ उपकार, बिमार मोर मनवा भइल।

एक हि झलकऽ बदे भइनी पपिहरा ।
तोहरे दरसऽ बदे तरसेला हियरा।
गोरी भरि लेतू-२ आके अँकवार , बिमार मोर मनवा भइल।
देइदऽ दर्शन तू करऽ उपकार…… १!!

रूपवा में तोहरे बा गजबे आकरसन।
मन कहे करीं तोहे जीवन ई अरपन।
मन के मंदिर तू-२ जईतू पधार, बिमा‌र मोर मनवा भइल।
देइद दर्शन तू करऽ उपकार……..२!!

रूपवा निरेखि के निरोग होई काया।
एही से तू बुझिल बा तोहर का माया।
आके घुंघटा-२ हटाव ओहार, बिमार मोर मनवा भइल।
देइद दर्शन तू करऽ उपकार………३!!

तोहरे पिरितिया में भइनी वियोगी।
हम के बनवलू तू काहे प्रेम रोगी।
रोग लागल ई- २ बड़हन बेकार, बिमार मोर मनवा भइल।।
देइद दर्शन तू करऽ उपकार……… ४!!

नेहिया के डोर रानी तोहसे बा लागल।
मिलतू कहती मोर भगिया बा जागल।
येतने देइ द तू-२ हमें उपहार, बिहार मोर मनवा भइल।।
देइद दर्शन तू करऽ उपकार……… ५!!

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

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