प्रकृति है स्वयं एक शिक्षिका ,
प्रकृति है स्वयं एक शिक्षिका ,
जो मनुष्यों को मानवता का पाठ है पढ़ाती ।
और यदि मानव शिक्षा धारण जन करे ,
तो उसे आपदा के रूप में दंड भी है देती ।
प्रकृति है स्वयं एक शिक्षिका ,
जो मनुष्यों को मानवता का पाठ है पढ़ाती ।
और यदि मानव शिक्षा धारण जन करे ,
तो उसे आपदा के रूप में दंड भी है देती ।