राहें हवाओं ने बदली है अपनी
राहें हवाओं ने बदली है अपनी, बदला है मौसम बहारों ने अपना।
किसको कहें हम वफ़ा अब यहाँ, बदला है स्वर सितारों ने अपना।।
राहें हवाओं ने बदली है अपनी——————।।
कहाँ वो मिला था, कैसे मिला था, कैसे शुरू हुआ मिलने का दौर।
रह नहीं पाते थे जुदा एक पल हम, नहीं था हमारा दोस्त ऐसा और।।
मगर आज ऐसा कैसे हुआ है, कि भूल गया वो याराना अपना।
राहें हवाओं ने बदली है अपनी—————-।।
खता क्या हुई है हमसे मेरे यार, कुछ तो बता, हमें भी मालूम होवे।
अच्छा नहीं गम को दिल में दबाना, नहीं चाहते तेरा चैन ऐसे खोवे।।
नाराज क्यों है तू हमसे इतना, जबकि तुम्हें नहीं माना बेगाना।
राहें हवाओं ने बदली है अपनी—————–।।
छोड़ा है तूने भी साथ ऐसे वक़्त, गर्दिश में हैं जब दिन हमारे।
निभानी थी तुमको अपनी वफ़ाएँ, मगर तूने तोड़ें वादें वो सारे।।
अच्छा सिला तुमने हमको दिया, देखेंगे नहीं अब ऐसा सपना।
राहें हवाओं ने बदली है अपनी——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)