शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी जी
शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी जी की ✍️ कलम से
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साथियों,,
लाल जोहार
लाल-हरे झंडे के नेतृत्व में राजहरा में लोकतांत्रिक आंदोलन उच्चतम शिखर तक पहुँच गया है। जिस दिन लाल-हरे झंडे ने जन्म लिया उसी दिन से अपने रंग के अनुरूप ही उसने दो बातों पर गम्भीरता से विचार किया। शहीद हुए मजदूरों की छाती से रिसता हुआ लाल रक्त झंडे के ऊपरी भाग की शोभा बढ़ाता है। यह लाल रंग संकेत करता है कि,
“कुर्बानी के रास्ते पर आगे बढ़ो, हर क्षेत्र में मजदूर वर्ग का नेतृत्व प्रतिष्ठित करो।”
कुर्बानी और मजदुर वर्ग का सही नेतृत्य ही लोकतांत्रिक संघर्ष को उच्चतम अवस्था तक पहुँचा सकता है।
झंडे का दूसरा हिस्सा जनवादी लोकतांत्रिक संघर्ष की विचारधारा का वहन करता है। जनवादी लोकतांत्रिक संघर्ष किसान आंदोलन पर आधारित है। मजदूर वर्ग लोकतान्त्रिक संघर्ष में भाग लेता है, अपने को मजबूत बनाता है एवं व्यापक जन समुदाय को नेतृत्व देने के काबित बनता है, फिर जनवादी लोकतांत्रिक आंदोलन में कूद पड़ता है। वह किसान-मजदूर एवं दूसरे प्रगतिवादी वर्गों का एक सशक्त मोर्चा स्थापित करता है।
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लाल जोहार
राम चरण नेताम
छत्तीसगढ़ माईंस श्रमिक संघ
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा
दल्ली राजहरा