काम ही पहचान है – हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के चमकते सितारे "शैतान जी" की प्रेरक कहानी
दुनिया में हर इंसान की प्रवृत्ति अलग होती है। कुछ लोग भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं, तो कुछ अपने काम के बूते भीड़ से अलग पहचान बना लेते हैं। ऐसे ही व्यक्तित्वों में एक नाम है — शैतान जी, जो आज हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री का एक प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं।
शैतान जी की शुरुआत एक छोटे से गांव से हुई, लेकिन सपने बड़े थे। हिसार जिले के बरवाला के पास स्थित गांव भदौड़ के निवासी शैतान जी ने पढ़ाई के पारंपरिक रास्ते को छोड़कर संगीत की राह पकड़ी। 10वीं के बाद ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था, क्योंकि उनका मन पढ़ाई में नहीं बल्कि सुरों में बसता था। उनके अंदर संगीत को लेकर एक गहरी ललक थी, और उसी जुनून ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनके पिता एक निजी कंपनी में जीएम के पद पर कार्यरत हैं, मां एक गृहिणी हैं और छोटे भाई-बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन शैतान जी ने घर-परिवार की पारंपरिक अपेक्षाओं से अलग हटकर संगीत को ही अपना जीवन बना लिया। आज शैतान जी ने हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। उन्होंने मिकी मलंग, हर्ष दादा, दीप, डीजे सनी और रॉन लिखरी जैसे नामचीन कलाकारों के साथ कार्य किया है। बतौर म्यूजिक प्रोड्यूसर, उनके द्वारा तैयार किए गए गाने न सिर्फ हरियाणा में, बल्कि अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हो चुके हैं।
उनके कुछ चर्चित गानों में शामिल हैं:
मैं तेरे प्रेम में मरी पड़ी
रोमिंग
नहीं जानदे
बोलेरो
लुटेरा
दिल्ली ब्राउन
गुड़गामा गैंग
इन सभी गानों ने शैतान जी की कला को आम जनता तक पहुंचाने का काम किया है। उनका म्यूजिक आज हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री की सफलता की पहचान बन चुका है। उन्होंने हरियाणवी के साथ-साथ पंजाबी और हिंदी गानों में भी अपना म्यूजिक दिया है।
सादा जीवन, उच्च सोच – एक रहस्यमय कलाकार
शैतान जी की खास बात यह है कि वह आज भी अपने असली नाम और चेहरे को दुनिया से छिपाकर रखते हैं। वह कहते हैं कि जब तक उनका काम सार्वभौमिक रूप से स्वीकार नहीं हो जाता, तब तक वह अपनी पहचान को गुप्त रखना चाहते हैं। कैमरे से दूर रहना, फोटो खिंचवाते समय चेहरा छिपा लेना — यह उनकी सादगी और काम के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
उनका मानना है कि काम से मिली पहचान ही सच्ची और स्थायी होती है। यही वजह है कि वह आज भी “शैतान” उपनाम से ही काम कर रहे हैं।
प्रेरणा का स्रोत – मिकी मलंग
शैतान जी मिकी मलंग को अपना आदर्श मानते हैं। वह कहते हैं कि “मिकी भाई ने हर अच्छे-बुरे समय में मेरा साथ दिया है। उन्होंने न सिर्फ मुझे प्रेरित किया, बल्कि मेरे सफर को दिशा भी दी है।”
रागनियों में भी खास योगदान-
गानों के साथ-साथ शैतान जी ने हरियाणवी रागनियों में भी अपनी कला की छाप छोड़ी है। उनकी रागनी “मैं तेरे प्रेम में मरी पड़ी सूं” आज भी हरियाणा के गांवों में बड़े चाव से सुनी जाती है।
नवोदित कलाकारों के लिए संदेश
नवोदित कलाकारों के लिए शैतान जी का संदेश है:-
“अपने काम से कभी समझौता मत करो। सच्चाई और मेहनत से किया गया काम ही आपको सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा सकता है।”
शैतान जी की कहानी यह साबित करती है कि यदि जुनून सच्चा हो और इरादे मजबूत, तो किसी भी मंज़िल तक पहुंचा जा सकता है। चेहरों को लोग भूल जाते हैं, लेकिन काम हमेशा याद रखा जाता है — और शैतान जी इसका जीवंत उदाहरण हैं।