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26 Aug 2025 · 1 min read

खुद की फ़ितरत बदल रही हूँ मैं

खुद की फ़ितरत बदल रही हूँ मैं
धीरे – धीरे सँभल रही हूँ मैं
छोड़कर बेवफ़ा की राहों को
अपने रस्ते निकल रही हूँ मैं
डॉ अर्चना गुप्ता
26.08.2025

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