भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर

जात-पात के जंजाल को,
तोड़ गया एक दीप उजालों को।
न्याय की मशाल थामे जो चला,
वो भारत मां का सच्चा लाल बना।
भीमराव नाम, साहस जिसकी शान,
शिक्षा को बनाया अपना भगवान।
पढ़ा, लड़ा, कभी रुका नहीं,
सत्य के पथ से कभी झुका नहीं।
शोषण को ललकारा उसने,
हर निर्धन को पुकारा उसने।
संविधान में लिखा बराबरी का गीत,
हर नागरिक को दिया अधिकार का मीत।
दलितों का मसीहा, सबका सपना,
हर दिल में बसा, वो जीवन अपना।
बाबा साहब, तुमको शत-शत नमन,
तेरे सपनों को देंगे हम जीवन।