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26 Aug 2025 · 1 min read

भक्ति और इतिहास के, गूँज रहे हैं बोल ।

भक्ति और इतिहास के, गूँज रहे हैं बोल ।
मेला देखन चल दिए, क़दम ये पांडुपोल।।
डा सीमा विजयवर्गीय

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