पर्व तीज का आ गया, नारी का त्यौहार।
पर्व तीज का आ गया, नारी का त्यौहार।
वंदन करती शिव शिवा, सपने हो साकार।।
गौरी शंकर की कृपा, भरा रहे घर बार।
पति पत्नी सुख संग में, जीवन करे गुजार।।
सकल व्यथा का नाश हो, खुशियाँ मिले अपार।
नारी थोड़ी मांग कर, पा लेती संसार।।
कर्म धर्म में लीन हो, नारी करे विचार।
गौरी जैसी ही सदा, अटल हमारा प्यार।।
मनोभाव सजता रहा, शंभु कृपा आधार।
“पाठक” हर्षित हो रहा, देख कुशल परिवार।।
:- राम किशोर पाठक (शिक्षक/कवि)