Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
19 Aug 2025 · 1 min read

भारत माता को नमन

भारत माता को बेड़ियों से
मुक्त कराने वाले जांबाज़ों को नमन,
आई है बेला उन जांबाज़ों को याद करने की,
जिन्होंने रौशन किया है ये चमन।

परतंत्रता के अंधियारे में
जिन्होंने संघर्ष की मशाल जलाई,
शेरों की तरह लड़े वो
न हार मानी, हमें आज़ादी दिलाई।

फांसी का फंदा चूमा उन्होंने
माँ की लाज बचाने को,
खुद की हस्ती को मिटा दिया
उन्होंने देश को बचाने को।

नेहरू, पटेल, भगत, और बापू,
हर एक नाम है मिसाल,
इनके विचारों की गूंज आज भी
गूंजती है हर गाँव, हर हाल।

धरती से अम्बर तक
तिरंगा लहराता है शान से,
हर बच्चे की आँखों में
आशाएं है एक नये हिंदुस्तान से।

आज जो आज़ादी है
ये यूँ ही नहीं मिली हमको
कुर्बानियों की गाथाएं है
जो हमेशा याद रहनी चाहिए हमको।

आओ मिलकर ये प्रण करें
कि देश का मान बढ़ाएँगे,
भ्रष्टाचार, भेदभाव मिटाकर
एक नया भारत बनाएँगे।

किसानों की मेहनत रंग लाए,
जांबाज़ सैनिकों का मान बढ़े,
हर बच्चा पढ़े, आगे बढ़े,
नारी शक्ति का भी सम्मान बढ़े।

स्वतंत्रता केवल शब्द नहीं
ये एक जिम्मेदारी है,
हम सब को एकजुटता से
निभानी ये ज़िम्मेदारी है।

भारत माता मुस्कुराए
ऐसा हम हर दिन बनाएँगे,
देश के वीर सपूतों के सम्मान में
विकास के दीप जलाएँगे।

————————

Loading...