म्हारो प्राण पियारो नंदलाल,नबीलो लाला नटखटिया
म्हारो प्राण पियारो नंदलाल,नबीलो लाला नटखटिया
गोपीपालक बनो री गोपाल,रंगीलो लाला नटखटिया
रोज चरावन जावे गैया,
पकड़े मोरी रोज कलिइया
बाखों लाज शर्म है नहिया
मटकी तोड़े हां करे न विचार,रसीलो लाला नटखटिया
म्हारो प्राण पियारो नंदलाल,नबीलो लाला नटखटिया
माखन चोरी,मटकी फोड़ी
नयन से मारे वो गोली
बोले संग संग चल तू छोरी
मिल कर है हां ब्रज विहार, बिहारी लाला नट खटिया
बंशीधर,गोबरधन गोपाल ,कन्हैया लाला नट खटिया
✍️ कृष्णकांत गुर्जर