*हे चुनाव आयोग तुम्हारा, वंदन-अभिनंदन है (गीत)*
हे चुनाव आयोग तुम्हारा, वंदन-अभिनंदन है (गीत)
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हे चुनावआयोग तुम्हारा, वंदन-अभिनंदन है
1)
सिर्फ तुम्हारे कारण ही यह, घुसपैठी घबराते
षडयंत्रों से यह मतदाता, तनिक नहीं बन पाते
शुद्ध बने मतदाता सूची, धन्य तुम्हारा मन है
2)
घुसपैठी हैं शत्रु देश के, हमने उनको पाला
हमने दे-दे कर सहायता, उनको दिया निवाला
बिके हुए हम क्षुद्र स्वार्थ में, चारा सत्ता-धन है
3)
यह दृढ़ शक्ति तुम्हारी ही है, तनिक न झुकने पाए
सौ मिथ्या आरोप लगे पर, किंचित कब घबराए
ऋणी देश का देशभक्त मन, ऋणी देश का जन है
हे चुनाव आयोग तुम्हारा, वंदन-अभिनंदन है
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज) रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451