*मन में भारतवर्ष के, बसते तुलसीदास (कुंडलिया)*
मन में भारतवर्ष के, बसते तुलसीदास (कुंडलिया)
_________________________
मन में भारतवर्ष के, बसते तुलसीदास
रामचरितमानस लिखी, अद्भुत है सौगात
अद्भुत है सौगात, राम की गाथा गाई
उज्ज्वल जीवन-राह, इस तरह गई सुझाई
कहते रवि कविराय, रहे प्रभु हॅंस कर वन में
उधर राम का राज्य, भरत के तपसी मन में
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451