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11 Aug 2025 · 1 min read

*मन में भारतवर्ष के, बसते तुलसीदास (कुंडलिया)*

मन में भारतवर्ष के, बसते तुलसीदास (कुंडलिया)
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मन में भारतवर्ष के, बसते तुलसीदास
रामचरितमानस लिखी, अद्भुत है सौगात
अद्भुत है सौगात, राम की गाथा गाई
उज्ज्वल जीवन-राह, इस तरह गई सुझाई
कहते रवि कविराय, रहे प्रभु हॅंस कर वन में
उधर राम का राज्य, भरत के तपसी मन में

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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