मन तनहा है आंखों का पानी सूख गया।
मन तनहा है आंखों का पानी सूख गया।
मैं न जाने कहां जिंदगी जीने की कीमत चुकाने से चूक गया।।
आंखों में अरमान बहुत है,
कुछ तो पूरे होगे
मानता हु मैं मेरे हिस्से का सूरज कुछ पहले डूब गया।।
मन तनहा है आंखों का पानी सूख गया।
मैं न जाने कहां जिंदगी जीने की कीमत चुकाने से चूक गया।।
आंखों में अरमान बहुत है,
कुछ तो पूरे होगे
मानता हु मैं मेरे हिस्से का सूरज कुछ पहले डूब गया।।