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20 Aug 2023 · 1 min read

सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।

सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते।
जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
रोज़ करते हैं अ़ता फस्ल मुझे यादों की।
ज़मीन ए दिल कभी बंजर नही होने देते।

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