आम आदमी
बनकर गुलाम हो गया बेदाम आदमी
पाया न एक पल को भी आराम आदमी
वो सल्तनत का दौर हो या दौर आज का
कुचला गया है दोस्तों बस आम आदमी
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 26/06/2025
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मापनी- 221 2121 1221 212
बनकर गुलाम हो गया बेदाम आदमी
पाया न एक पल को भी आराम आदमी
वो सल्तनत का दौर हो या दौर आज का
कुचला गया है दोस्तों बस आम आदमी
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 26/06/2025
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